Pallav Agrawal
Quote by Pallav Agrawal - बहुत से महल , बहुत से घर बनते देखे ,
हमने अपने मन में सिर्फ सब्र बनते देखे ,
दर-बदर भटके , हर तरफ ऊंची मीनारों के शहर देखे ,
और अपनी जेब में , चंद सिक्कों से , ख़रीदे हुए सपने भी ,
हमने बे-पहर , बे-असर से देखे !!!
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